प्रदर्शनियां |
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क्षेत्रीय प्रदर्शनियां |
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अकादमी द्वारा वर्ष १९९८ से प्रदेश के दूरस्थ अंचलों के कलाकारों को अकादमी के क्रियाकलापों से जोड़ने एवं जन सामान्य को प्रदर्शनियों के माध्यम से अपनी कला एवं संस्कृति से परिचित कराने हेतु विश्वविद्यालयों/सामान्य सभा सदस्यों/स्थानीय
संस्थाओं के माध्यम से क्षेत्रीय कला प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। |
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वार्षिक कला प्रदर्शनी |
स्थापना वर्ष से अब तक २६ वार्षिक कला प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा चुका है। इसमें १० सर्वश्रेष्ठ कृतियों के कलाकारों को रू० १०,०००/- (रूपये दस हजार मात्र) प्रति के पुरस्कार, प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किये जाते हैं। |
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अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी |
१९६२ से अब तक १० अखिल भारतीय कला प्रदर्शनियां आयोजित हुई। इसमें १० सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों के कलाकारों को रू० १५,०००/- (रूपये पन्द्रह हजार मात्र) प्रति के पुरस्कार, स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। |
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अखिल भारतीय द्दायाचित्र कला प्रदर्शनी |
दृश्य कला की सशक्त विधा द्दायाचित्र कला एवं उसके कलाकारों को प्रोत्साहित करने हेतु रचनात्मकता के आधार पर द्दायाचित्र कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। अब तक चार प्रदर्शनियां आयोजित की गयी हैं। इसमें ५ सर्वश्रेष्ठ द्दायाकारों को रू० ५,०००/- के नकद पुरस्कार, प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किये जाते हैं। |
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रिट्रास्पेक्टिव कला प्रदर्शनी |
अकादमी द्वारा प्रदेश के दृश्यकला परिदृश्य को समृद्घ करने एवं सृजन के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले कलाकारों से परिचित कराने हेतु प्रख्यात कलाकारों के समग्र व्यक्तित्व/कृतित्व से परिचय कराती रिट्रास्पेक्टिव कला प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। इसमें अब तक स्व० श्री आर०एस० बिस्ट, स्व० श्री के०एस० कुलकर्णी, श्री सनत कुमार चटर्जी एवं श्री दिलीप दास की प्रदर्शनियां आयोजित की गई हैं। |
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आमंत्रित कला प्रदर्शनी |
अकादमी की इस योजना के अन्तर्गत श्री प्रकाश कर्माकर, श्री आर०के० भटनागर, श्री एन०एन० राय, स्व० श्री डी०पी० धुलिया, स्व० श्री विश्वनाथ खन्ना, श्री एम०के० पुरी, श्री पी०टी० रेड्डी, श्री एम०वी० कृष्णन, स्व० श्री ए०पी० गज्जर,श्रीमती विमला विष्ट, स्व० श्री एस०जी० श्रीखण्डे, स्व० श्री आर०एस० धीर, श्री सी०के० पालीवाल, श्री यशोधर मठपाल, मो० सलीम, मेजर अशोक कुमार, श्री बी०एस० ठाकुर, प्रो० गोपाल मधुकर चतुर्वेदी, श्री जितेन हजारिका, श्री हरीश श्रीवास्तव, श्री राम विरंजन की प्रदर्शनियां आयोजित की गयी हैं। प्रदर्शनी की समस्त व्यवस्थाएं अकादमी द्वारा की जाती हैं। |
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स्थायी कला संग्रह प्रदर्शनी |
अकादमी की स्थापना से ही विभिन्न प्रदर्शनियों, शिविरों, डिमांस्ट्रेशन के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों को संग्रहीत किया जाता रहा है। संग्रह में संग्रहीत १८०० से अधिक कलाकृतियों से चयन कर अकादमी परिसर में प्रदर्शनी (आधुनिक कला वीथिका) आयोजित की जाती रहती है। इसके साथ ही प्रदेश के सुदूर अंचलों में स्थायी संग्रह से चयनित कलाकृतियों की प्रदर्शनी आयोजित की जाती है। यह कला प्रदर्शनियाँ विभिन्न कला संस्थाओं/विश्वविद्यालयों/कालेजों के सहयोग से आयोजित की जाती है। जिससे समृद्घ कला संग्रह की सर्वश्रेष्ठ समकालीन कलाकृतियों का अवलोकन जन सामान्य के साथ द्दात्र-द्दात्राएं भी कर सकें एवं इनसे प्रेरणा लेकर अपनी कला को समकालीन कला धारा के अनुरूप विकसित कर सकें। |
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अंतर्राज्य विनिमय कला प्रदर्शनी |
राज्य ललित कला अकादमी, उ०प्र० विगत् ३० वर्षो मे अन्तर्राज्य विनिमय योजना के अन्तर्गत देश की लगभग सभी कला अकादमियों से विनियम के अन्तर्गत अन्य प्रदेशों में एवं अन्य प्रदेशों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश में आयोजित कर चुकी है। इस योजना का उद्देश्य देश में ललित कलाओं के क्षेत्र में समय-समय पर हो रहे या हुए विषयगत, माध्यमों, वधारणओं का आदान-प्रदान करना है, जिससे कला केवल प्रादेशिक स्तर पर ही न रहकर राष्ट्रीय स्तर पर एक सामूहिक स्वरूप उभर कर आये एवं देश के अलग-अलग क्षेत्रों की संस्कृति का राष्ट्रीयकरण हो सके। उत्तर प्रदेश के कलाकारों एवं उनकी कला से अन्य प्रादेशिक कलाकारों का तथा अन्य प्रदेशों के कलाकारों एवं कला को प्रदेश के कलाकारों से परिचय कराना भी एक उद्देश्य है। अब तक आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, चण्डीगढ़ व गोवा अकादमी में आदान-प्रदान के अन्तर्गत प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा चुका है। |
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